अमेरिका। अमेरिका में ट्रम्प प्रशासन के सख्त कदमों के कारण 1 लाख भारतीयों की नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं। डिफेंस डिपार्टमेंट आइडेंटिटी (डीडीआई) प्रोग्राम के तहत सभी भर्तियों पर रोक लगा दी गई है। इसके तहत डीडीआई के सभी कर्मचारियों को 31 जनवरी तक पेड लीव पर भेज दिया गया है।
क्या है डीडीआई?
डीडीआई प्रोग्राम 1960 से अमेरिका में रोजगार, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में समान अवसर प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था। यह प्रोग्राम महिलाओं, दिव्यांगों और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
फैसला क्यों?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस कदम को व्हाइट हाउस की नई नीति के तहत उठाया है, जिसमें अमेरिकी नौकरियां प्राथमिकता देने की बात कही गई है। ट्रम्प का कहना है कि विदेशी कर्मचारियों की भर्ती से अमेरिकी नागरिकों के लिए नौकरियों की संभावनाएं कम हो रही हैं।
इस निर्णय के चलते अमेरिका में करीब 32 लाख फेडरल कर्मचारियों में से 5 लाख डीडीआई प्रोग्राम का हिस्सा हैं। इनमें 1 लाख भारतीय शामिल हैं, जो मुख्य रूप से टेक्नोलॉजी, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में काम करते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से अल्पसंख्यक और महिलाओं के रोजगार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही, अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।
इस फैसले से भारतीय पेशेवरों को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। क्या यह नीति अमेरिकी रोजगार की स्थिति में सुधार लाएगी, या वैश्विक स्तर पर आलोचना का कारण बनेगी? यह समय बताएगा।