कवर्धा। रायपुर-जबलपुर नेशनल हाईवे-30 पर चिल्फीघाटी में आरटीओ बैरियर पर दस्तावेजों की जांच के कारण रोजाना ट्रैफिक जाम लग रहा है। इस समस्या को दूर करने के लिए बैरियर को छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश सीमा के पास धवईपानी में शिफ्ट किया जाना था। यह जगह चिल्फी से करीब 10 किलोमीटर दूर है। शिफ्टिंग के लिए जमीन भी चिन्हांकित कर ली गई थी। इस जमीन पर दो किसान काबिज हैं, जिन्हें वनाधिकार पट्टा मिला हुआ है। इसे निरस्त कर उन्हें दूसरी जगह जमीन देने की योजना थी। धवईपानी में बैरियर के लिए पर्याप्त जगह है। हाईवे किनारे ट्रकों को लाइन से खड़ा किया जा सकता है। माल ढुलाई वाले ट्रकों की जांच के लिए वेब ब्रिज भी बनाया जाना था। लेकिन आरटीओ अधिकारियों ने मनमानी वसूली बंद होने की आशंका के चलते बैरियर शिफ्ट नहीं होने दिया।

अवैध वसूली के कारण पहले भी बंद हुआ था बैरियर

चिल्फी में अवैध वसूली के कारण पहले भी आरटीओ बैरियर बंद किया गया था। जुलाई 2020 में इसे फिर से शुरू किया गया। उस समय विपक्ष में रहे भाजपा नेताओं ने अवैध वसूली का विरोध किया था। बैरियर पर जबलपुर और रायपुर की ओर से आने वाले ट्रकों को रोककर दस्तावेजों की जांच की जाती है। इसमें 15 से 20 मिनट लगते हैं। इससे हाईवे पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है।

चहेते कर्मचारियों के भरोसे चल रहा बैरियर

चिल्फी आरटीओ बैरियर में 4 आरक्षक, 1 सब इंस्पेक्टर, 1 टीआई और 2 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी तैनात हैं। इनमें कुछ ऐसे कर्मचारी हैं, जो आला अधिकारियों के करीबी होने के कारण इनका ट्रांसफर नहीं होता। दिखावे के लिए सिर्फ टीआई का समय-समय पर तबादला होता है।

By जन स्वराज न्यूज़ 24

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