इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अहम निर्णय सुनाया, जिसमें कहा गया कि जीजा और साली के बीच शारीरिक संबंध अनैतिक तो हो सकते हैं, लेकिन यदि साली बालिग है और दोनों के बीच सहमति से संबंध बने हैं, तो इसे बलात्कार का अपराध नहीं माना जा सकता। यह टिप्पणी जस्टिस समीर जैन की पीठ ने एक मामले की सुनवाई के दौरान दी, जिसमें आरोपी (जीजा) को जमानत दी गई।
livelaw.in के अनुसार इस मामले में आरोप था कि आरोपी ने अपनी साली को शादी का झूठा वादा करके उसे बहला-फुसलाकर भगा लिया था। इस मामले में आईपीसी की धारा 366, 376 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोपी के वकील ने अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल पर आरोप झूठे हैं और यह भी कहा कि आरोपी और पीड़िता के बीच पहले से अवैध संबंध थे। जब यह बात पीड़िता के परिवार को पता चली, तब उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कराई।
अदालत ने यह भी माना कि पीड़िता बालिग है और उसने पहले अपने बयान में आरोपों से इनकार किया था, लेकिन बाद में उसने अपना बयान बदलते हुए अभियोजन पक्ष का समर्थन किया।
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