सूरज कुमार की रिपोर्ट

कबीरधाम। आज छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में 10 लाख के इनामी नक्सली दंपत्ति ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। पुलिस महानिरीक्षक राजनंदगांव रेंज, श्री दीपक कुमार झा के मार्गदर्शन में और पुलिस अधीक्षक, कबीरधाम, श्री धर्मेंद्र सिंह (भा.पु.से.) के नेतृत्व में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पुष्पेंद्र बघेल, श्री पंकज पटेल, डीएसपी नक्सल ऑप्स श्री संजय ध्रुव और श्री कृष्ण कुमार चंद्राकर के पर्यवेक्षण में पुलिस बल द्वारा लगातार भटके हुए नक्सलियों से संपर्क और संवाद किया जा रहा है। 

छत्तीसगढ़ सरकार की “नई नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति” और पुलिस की सक्रियता के चलते नक्सलियों में बदलाव देखने को मिल रहा है। नक्सल संगठन की हिंसक और शोषणकारी विचारधारा से तंग आकर कई माओवादी मुख्यधारा में लौटने का निर्णय ले रहे हैं। बस्तर क्षेत्र के साथ-साथ कबीरधाम जिले में भी इसका व्यापक असर दिख रहा है।

इस अभियान से प्रेरित होकर, 5-5 लाख रुपये के ईनामी नक्सली दंपत्तिरमेश उर्फ मेस्सा (डिप्टी कमांडर, बोडला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3) और उसकी पत्नी रोशनी उर्फ हिड़मे (सदस्य, बोडला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3) ने 18 जनवरी 2025 को कबीरधाम पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। जिसमें रमेश उर्फ मेस्सा ने डिप्टी कमांडर के रूप में कार्य करते हुए कई हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया और पुलिस मुठभेड़ों में शामिल रहा। वह संगठन में एसएलआर राइफल धारी के रूप में सक्रिय था। वहीं रोशनी उर्फ हिड़मे संगठन की प्रशिक्षित सदस्य थी और इन्सास राइफल धारी के रूप में नक्सली हिंसा में भाग लेती थी। इस तरह से दोनों ने संगठन में व्याप्त आंतरिक संघर्ष, अमानवीय व्यवहार, स्थानीय आदिवासियों पर अत्याचार और जंगलों में कठिन जीवन से परेशान होकर आत्मसमर्पण का निर्णय लिया। वहीं आत्मसमर्पित नक्सली दंपत्ति को छत्तीसगढ़ सरकार की “पुनर्वास नीति” के तहत प्रत्येक को 25,000 रुपये (कुल 50,000 रुपये) की प्रोत्साहन राशि नगद प्रदान की गई।


इसके साथ ही आत्मसमर्पित नक्सली दंपत्ति को अगले तीन वर्षों तक 10,000 रुपये मासिक स्टाइपेंड, निःशुल्क आवास और भोजन, कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण और कृषि भूमि और अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी। इस तरह से नक्सल उन्मूलन अभियान के परिणाम के तहत कबीरधाम जिले में अब तक कुल 9 नक्सली (जिनमें 8 ईनामी शामिल हैं) आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं।

इस आत्मसमर्पण प्रक्रिया में जिला विशेष शाखा के प्रधान आरक्षक 405 घनाराम सिन्हा, प्रधान आरक्षक 417 अभिजीत सिंह, आरक्षक 593 कृपाराम मेरवी, नव आरक्षक 255 लिब्रू उर्फ दिवाकर, नव आरक्षक 581 करन हेमला और आरक्षक 847 राय सिंह का योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा। ज्ञात हो कबीरधाम जिले में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान से न केवल नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और सुरक्षा बढ़ी है, बल्कि कई भटके हुए नक्सली समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित हुए हैं। यह अभियान सरकार और पुलिस बल की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। जन स्वराज न्यूज़ ट्वेंटी फोर की रिपोर्ट .

मुख्यमंत्री छ0ग0 शासन श्री विण्णुदेव साय एवं माननीय उपमुख्यमंत्री (गृह मंत्री) श्री विजय शर्मा द्वारा छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद के खात्मे हेतु आत्मसमर्पित नक्सलियों के बेहतर पुनर्वास हेतु नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीती की घोषण से प्रभावित होकर 10 लाख ईनामी नक्सली दंपत्ति ने कबीरधाम पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर शासन प्रशासन एवं संविधान पर जताया विश्वास।

By जन स्वराज न्यूज़ 24

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